I got this Article about Indian Ancient Martial Arts, on this website:
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/8850911.cms
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रोहतक ।। सोमालियाई लुटेरों के चंगुल से छूट कर छह भरातीयों के घर लौटने की खबर उनके परिवार वालों के लिए बड़ी राहत बन कर आई है। उन्हें अफसोस है तो इस बात का कि इस रिहाई में भारत सरकार का या देश के नेताओं का कोई योगदान नहीं है। यह रिहाई संभव हुई पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी की वजह से जिन्होंने चंदा करके सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करवाई।
एक बंधक रविंदर गुलिया की पत्नी संपा कहती हैं ,' यह इंसानियत का बंधन है जो देश और जाति की सीमा से ऊपर है और इसी की वजह से हमारे अपनों की जान बची। ' उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तानी नागरिक बर्नी और यहां तक कि पाकिस्तान सरकार का भी हृदय से धन्यवाद करती हूं। उन लोगों ने बंधकों को छुड़ाने के लिए सबकुछ किया , पर हमारी सरकार और हमारे लोगों ने हमें निराश किया। '
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पढ़ें : पाकिस्तानी चंदे से रिहा हुए भारतीय बंधक
गौरतलब है कि सोमालियाई लुटेरों द्वारा 10 महीना पहले 2 अगस्त 2010 को बंधक बनाए गए जहाज में छह भारतीय थे। इनमें दो हरियाणा के थे और एक-एक हिमाचल, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र और तमिलनाडु के। पाकिस्तान के सिर्फ चार लोग थे। इसके बावजूद पाकिस्तान सरकार ने इसमें काफी दिलचस्पी दिखाई।
संपा कहती हैं कि ‘ मैंने कसम खा ली है कि जिंदगी में कभी वोट नहीं दूंगी क्योंकि हमारी सरकार और हमारे नेताओं को हमारी दुख-तकलीफों से कोई मतलब ही नहीं। मैंने कई बार मंत्रियों से बात की, लेकिन उन्होंने फिरौती की रकम चुकाने से साफ-साफ इनकार कर दिया क्योंकि उनके मुताबिक फिरौती देना गैरकानूनी है। क्या दूर देश में फंसे अपने नागरिकों की जान बचाना गैरकानूनी है ?’
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एक बंधक रविंदर गुलिया की पत्नी संपा कहती हैं ,' यह इंसानियत का बंधन है जो देश और जाति की सीमा से ऊपर है और इसी की वजह से हमारे अपनों की जान बची। ' उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तानी नागरिक बर्नी और यहां तक कि पाकिस्तान सरकार का भी हृदय से धन्यवाद करती हूं। उन लोगों ने बंधकों को छुड़ाने के लिए सबकुछ किया , पर हमारी सरकार और हमारे लोगों ने हमें निराश किया। '
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संपा कहती हैं कि ‘ मैंने कसम खा ली है कि जिंदगी में कभी वोट नहीं दूंगी क्योंकि हमारी सरकार और हमारे नेताओं को हमारी दुख-तकलीफों से कोई मतलब ही नहीं। मैंने कई बार मंत्रियों से बात की, लेकिन उन्होंने फिरौती की रकम चुकाने से साफ-साफ इनकार कर दिया क्योंकि उनके मुताबिक फिरौती देना गैरकानूनी है। क्या दूर देश में फंसे अपने नागरिकों की जान बचाना गैरकानूनी है ?’
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What should we do if Govt. doesn't do anything for their citizens.
ReplyDeleteThanks to a 'Pakistani Sher' Ansar Barni. who save our Citizens. Sorry our Govt. was busy to get rid of some people who were against CORRUPTION
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